धारा 370 and Article 35-A जम्मू कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा समाप्त |
Article – 35 A और 370 पर भारत सरकार के प्रमुख निर्णय पर आज इससे सम्बन्धित कुछ प्रमुख मुद्दों पर चर्चा
Last Updated On: 14 August 2023
Article – 35 A और 370 पर भारत सरकार के प्रमुख निर्णय पर आज इससे सम्बन्धित कुछ प्रमुख मुद्दों पर चर्चा
जम्मू कश्मीर पर कई दिनों के सस्पेंस के बाद आज भारत सरकार ने आर्टिकल 35 A और और 370 को खत्म कर दिया | इसके अलावा जम्मू – कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेश में बाटने का प्रस्ताव रखा | जम्मू कश्मीर एक केंद्रशसित प्रदेश होगा जहा विधानसभा होगी और लद्दाख एक केंद्रशसित प्रदेश होगा जहा विधानसभा नहीं होगी |
ARTICLE 35 - A
35ए को 1954 में इसे राष्ट्रपति के आदेश के माध्यम से संविधान में जोड़ा गया था। आर्टिकल 35ए जम्मू-कश्मीर विधानसभा को राज्य के 'स्थायी निवासी' की परिभाषा तय करने का अधिकार देता है। इसके तहत जम्मू-कश्मीर के नागरिकों को कुछ खास अधिकार दिए गए हैं। अस्थायी निवासी को उन अधिकारों से वंचित किया गया है। अस्थायी नागरिक जम्मू-कश्मीर में न स्थायी रूप से बस सकते हैं और न ही वहां संपत्ति खरीद सकते हैं। अस्थायी नागरिकों को जम्मू-कश्मीर में सरकारी नौकरी और छात्रवृत्ति भी नहीं मिल सकती है। वे किसी तरह की सरकारी मदद के हकदार भी नहीं हो सकते।
ARTICLE - 370
15 अगस्त 1947 तक गृहमंत्री लोह पुरुष बल्लभ भाई पटेल ने 449 भारतीय रियासतों को भारत में विलय कर लिया | 3 रियासतों जूनागढ़, हेदराबाद और जम्मू कश्मीर का विलय बाद में हुआ | जुनागढ़ को जनमत संग्रह के द्वारा, हेदराबाद को पुलिस करवाई (Operation पोलो) के द्वारा विलय किया गया | बाद में जम्मू-कश्मीर पर पकिस्तान ने आक्रमण कर दिया वहा के राजा हरि सिंह ने भारत के प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरु से मदद मांगी | भारत सरकार ने रजा हरि सिंह की मदद की और पाकिस्तान को खदेड़ दिया | रजा हरि सिंह और प्रधानमंत्री के मध्य एक समझोता हुआ जिसमे जम्मू कश्मीर को भारत का अंग मान लिया गया | इस तरह 600 रियासतों में से 552 रियास्हतो का भारत में विलय हो गया | जम्मू कश्मीर को भारत में विलय के बाद शेख अब्दुल्ला ने जम्मू-कश्मीर की सत्ता संभाली। उन्होंने तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू से जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक संबंध को लेकर बातचीत की। इस बातचीत के नतीजे में बाद में संविधान के अंदर आर्टिकल 370 को जोड़ा गया। आर्टिकल 370 जम्मू-कश्मीर को विशेष अधिकार देता है। आर्टिकल 370 के मुताबिक, भारतीय संसद जम्मू-कश्मीर के मामले में सिर्फ तीन क्षेत्रों-रक्षा, विदेश मामले और संचार के लिए कानून बना सकती है। इसके अलावा किसी कानून को लागू करवाने के लिए केंद्र सरकार को राज्य सरकार की मंजूरी चाहिए।
कश्मीर और कश्मीरियों को क्यों हे एतराज
आर्टिकल 35 A कश्मीर को एक विशेष अधिकार देता है कश्मीरियो को यह लगता है की आर्टिकल 35ए के हटने से वहा पर भारत के अन्य राज्यों के लोग वहा बसना शुरू कर देंगे और कश्मीरियो के अस्तित्वा पर खतरा मडराने लगेगा |