भारत और अमेरिका सम्बन्ध
भारत - अमेरिका सम्बन्ध
Last Updated On: 15 August 2023
भारत और अमेरिका सम्बन्ध
1. भारत अमेरिका सम्बन्ध को शुरुआत करने का श्रेय अमेरिका के पूर्व राष्टपति (फ्रेंक्लिन डी रूस बेंट) को जाता है |
2. अटलांटिक चार्टर ने भी भारत और अमेरिका के बीच का हिस्सा था |
3. कई अमेरिकन मिसनरी भारत दौरे पर आये और उन्होंने भारतीय संस्कृति का अमेरिका में जाकर प्रचार प्रसार किया |
4. शीतयुद्ध के दौरान भारत अमेरिका सबंध में आगे नही बढ़ा इसका सबसे बड़ा कारण था की अमेरिका के द्वारा प्रचारित पूंजीवादी विचारधारा को भारत एक नए तरह का साम्राज्यवादी और उपनिवेशवाद मानता था |
5. भारत की स्वंत्रता के बाद कश्मीर मुद्दा भी भारत अमेरिका सबंध में एक रूकावट का कार्य किया ब्रिटेन और अमेरिका के कहने पर ही भारत कश्मीर मुददे को सयुंकत राष्ट्र में लेकर गया | भारत का यह दाव उल्टा पड़ गया क्योकि सयुंकत राष्ट्र में ब्रिटेन और अमेरिका ने भारत का विरोध किया क्योकि पाकिस्तान उसके लिए सोवियत संघ के खिलाफ एक महत्वपूर्ण साथी था |
6. पाकिस्तान शीतयुद्ध के दोरान पश्चमी संघ का हिस्सा बना SEATO (१९५४), SENTO (१९५५) में भागीदारी इसका महत्वपूर्ण उदहारण है |
7. पूरे शीतयुद्ध के दौरान भारत अमेरिका सम्बन्ध में सुधार देखने को नहीं मिला |
8. भारत चीन युद्ध और भारत पाकिस्तान युद्ध के बाद भारत का सोवियत संघ की तरफ झुकाव भी इसका महत्वपूर्ण कारण था |
9. अमेरिका और भारत के सबंध को एक नई दिशा तब मिली जब शीतयुद्ध का अंत हुआ | और सोवियत संघ का विघटन हुआ |
10. यह वही साल था जब भारत में आर्थिक उदारीकरण का रास्ता अपनाया |
11. भारत के बगल में चीन की मौजूदगी ने भी भारत और अमेरिका का सबंध मजबूत करने भी मदद की |
12. भारत अमेरिका रक्षा कूटनीति इसकी शरुआत (1995) में आये किक लाईटर प्रस्ताव से होती हे इसी प्रस्ताव में भारत और अमेरिका नोसेना एवं वायू सेना में एक-दुसरे की सहायता करने के लिए तैयार होते है इसी को आगे बढ़ाते हुए उसी वर्ष भारत अमेरिका सैन्य अभ्यास की शुरुआत मालाबार छेत्र में होता है|
13. जब अमेरिका सेना प्रमुख किक लाईटर ने भारत को (1991) में भारत का दौरा किया था | तो भारत के तीनो सैन्य विभागों में अमेरिका के सहयोग करने की बात कही | (1991) में भारतीय थल सेना के साथ कुछ समझोते हुए | 1992, 1993 में इसी क्रम में नौसेना और वायु सेना के साथ कुछ रक्षा समझोते हुए | इसी को आगे बढाते हुए भारत और अमेरिकी ने मालाबार में तीन संयुक्त सेन्य अभ्यास किये |
14. भारत और अमेरिका के बीच पहला प्रमुख सैन्य समझोता सन (1995) में हुआ | यह सैन्य समझोता अगले दस साल के लिए था | सन (2005) में दूसरा सैन्य समझोते ने एक नई दिशा पकड़ी और यह 9 बिलियन डॉलर का हो गया |
सन (2013) में भारत और अमेरिका सैन्य सहयोग ने एक सेधान्तिक रूप लिया प्रोद्योगिकी आदान-प्रदान और रक्षा व्यापार अब प्रमुख छेत्र थे उसी बीच अमेरिका से भारत में आठ बोईंग विमान ख़रीदा |
भारत और अमेरिका सैन्य सम्बन्ध उथल पुथल भरा रहा हे भारत और अमेरिका के सैन्य सोच में वैचारिक मतभेद है अमेरिका सामूहिक सैन्य रक्षा में विश्वास रखता है जब की भारत स्वायतता में | 1962 में भारत चीन युद्ध के दौरान भारत चीन के खिलाफ कुछ शर्तो के साथ अमेरिकी सैन्य सहयोग के लिए तैयार हुआ | शर्ते यही थी अमेरिका भारत की विचारधारा का सम्मान करेगा और किसी भी तरह के सेन्य गटबंधन की बात नहीं करेगा |
भारत और अमेरिका परमाणु संधि 2008
भारत अमेरिका के सबंध को नई दिशा इसी संधि के बाद मिली भारत और अमेरिका के बीच परमाणु समझोता की शुरुआत 2007 में हुई थी |
जब जॉर्ज बुश अमेरिका के राष्ट्रपति थे पुरे एक साल तक कई दौर की बातचीत हुई | 2008 में इस संधि पर हस्ताक्षर किया गया उस समय अमेरिका के राष्ट्रपति “बराक ओबामा “ तथा भारत के प्रधानमंत्री “डॉ मनमोहन सिंह “ थे |
भारत का पडोसी देश चीन एक विशाल और ताकतवर साम्यवादी देश है चीन और अमेरिका के सबंध हमेशा सदेहपूर्ण रहा है | क्यूंकि दोनों की विचारधारा अलग है भारत अमेरिका सबंध का मजबूत होना | चीन को रोकने का एक प्रयास भी है ऐतिहासिक कारणों से चीन हमेशा अपनी जमीन को लेकर काफी सवेंदनशील रहा है Asian pacific शेत्र में अपना दबदबा कायम रखने के लिए भारत और अमेरिका को मिलाकर चीन को रोकना होगा | भारत ने २०वी सदी के अंत में परमाणु परिक्षण किये | एक 1994 और 1997 में अमेरिका ने दोनों परमाणु परिक्षण का बहिष्कार किया |