आज जहां पूरा विश्व कोरोना महामारी के कारण संकट मैं है भारत के सामने भी बोहोत सी चुनोतिया है | भारत मे भारतीय जनता पार्टी की सरकार है और जैसा की आप जानते है हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी एक बड़े लोकप्रिय नेता है |
MODI 2.0 : एक विश्लेषण
Last Updated On: 15 August 2023
MODI 2.0 : एक विश्लेषण
आज जहां पूरा विश्व कोरोना महामारी के कारण संकट मैं है भारत के सामने भी बोहोत सी चुनोतिया है | भारत मे भारतीय जनता पार्टी की सरकार है और जैसा की आप जानते है हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी एक बड़े लोकप्रिय नेता है |
आज मोदी सरकार के दुसरे सत्र यानि modi 2.0 के पुरे 1 साल पुरे हो गए है आज यानि 30 मई नरेन्द्र मोदी जी ने दूसरी बार प्रधानमंत्री पद की सपथ ली |
मंत्रिमंडल मे कई बदलाव किये गए इन सब मे सबसे प्रमुख बदलाव था | पार्टी के रास्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को देश का गृह मंत्री बनाना |
साल 2014 मे पार्टी ने जब जीत हासिल की थी उस समय गृह मंत्री का पद राजनाथसिंह ने ग्रहण किया था | साल 2019 मे मिली प्रचंड जीत के बाद नए कार्यकाल मे उन्हें रक्षा मंत्रालय प्रदान किया गया |
इस एक साल मे सरकार द्वारा लिए गए कुछ महत्वपूर्ण फैसले
1. आर्टिकल 370 :
मोदी सरकार के सबसे बड़े और महत्वपूर्ण फैसलों में से एक है जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 35 A और और 370 को खत्म करना | इसके अलावा जम्मू – कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेश में बाटने का प्रस्ताव रखा | जम्मू कश्मीर एक केंद्रशसित प्रदेश होगा जहा विधानसभा होगी और लद्दाख एक केंद्रशसित प्रदेश होगा जहा विधानसभा नहीं होगी |
70 साल से चली अ रही एक महत्वपूर्ण कुरीति जिसने जम्मू कश्मीर को भारत से अलग रखा उसे मोदी सरकार ने ख़तम किया |
ARTICLE 35 - A
35ए को 1954 में इसे राष्ट्रपति के आदेश के माध्यम से संविधान में जोड़ा गया था। आर्टिकल 35ए जम्मू-कश्मीर विधानसभा को राज्य के 'स्थायी निवासी' की परिभाषा तय करने का अधिकार देता है। इसके तहत जम्मू-कश्मीर के नागरिकों को कुछ खास अधिकार दिए गए हैं। अस्थायी निवासी को उन अधिकारों से वंचित किया गया है। अस्थायी नागरिक जम्मू-कश्मीर में न स्थायी रूप से बस सकते हैं और न ही वहां संपत्ति खरीद सकते हैं। अस्थायी नागरिकों को जम्मू-कश्मीर में सरकारी नौकरी और छात्रवृत्ति भी नहीं मिल सकती है। वे किसी तरह की सरकारी मदद के हकदार भी नहीं हो सकते।
ARTICLE - 370
15 अगस्त 1947 तक गृहमंत्री लोह पुरुष बल्लभ भाई पटेल ने 449 भारतीय रियासतों को भारत में विलय कर लिया | 3 रियासतों जूनागढ़, हेदराबाद और जम्मू कश्मीर का विलय बाद में हुआ | जुनागढ़ को जनमत संग्रह के द्वारा, हेदराबाद को पुलिस करवाई (Operation पोलो) के द्वारा विलय किया गया | बाद में जम्मू-कश्मीर पर पकिस्तान ने आक्रमण कर दिया वहा के राजा हरि सिंह ने भारत के प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरु से मदद मांगी | भारत सरकार ने रजा हरि सिंह की मदद की और पाकिस्तान को खदेड़ दिया | रजा हरि सिंह और प्रधानमंत्री के मध्य एक समझोता हुआ जिसमे जम्मू कश्मीर को भारत का अंग मान लिया गया | इस तरह 600 रियासतों में से 552 रियास्हतो का भारत में विलय हो गया | जम्मू कश्मीर को भारत में विलय के बाद शेख अब्दुल्ला ने जम्मू-कश्मीर की सत्ता संभाली। उन्होंने तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू से जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक संबंध को लेकर बातचीत की। इस बातचीत के नतीजे में बाद में संविधान के अंदर आर्टिकल 370 को जोड़ा गया। आर्टिकल 370 जम्मू-कश्मीर को विशेष अधिकार देता है। आर्टिकल 370 के मुताबिक, भारतीय संसद जम्मू-कश्मीर के मामले में सिर्फ तीन क्षेत्रों-रक्षा, विदेश मामले और संचार के लिए कानून बना सकती है। इसके अलावा किसी कानून को लागू करवाने के लिए केंद्र सरकार को राज्य सरकार की मंजूरी चाहिए।
2. तीन तलक : तीन तलाक बिल मुस्लिम महिलाओ के लिए सशक्तिकरण या एक राजनीतिक कदम
मुस्लिम समाज में व्याप्त कुप्रथा तीन तलाक को ख़तम करने वाला मुस्लिम विवाह अधिकार संरक्षण विधेयक 2019 राज्यसभा में पास हो गया |
पहले इस विधेयक के सफ़र की कुछ मुख्य बातो पर चर्चा करते है |
1. अगस्त 2017 में सुप्रीम कोर्ट में तीन तलाक को असवेधानिक और कुरान के मूल सिधान्तो के खिलाफ बताया |
2. दिसम्बर 2017 में लोकसभा ने मुस्लिम महिला विवाह अधिकार बिल पास किया लेकिन राज्यसभा में बिल अटक गया |
3. 19 सितम्बर 2018 में मोदी सरकार तीन तलाक को प्रतिबंधित करने के लिए कानून लायी |
4. 12 जनवरी 2019 को दूसरी बार और 21 फ़रवरी को तीसरी बार अध्यादेश जारी किया गया |
तीन तलाक कानून पास होने के बाद के प्रभाव
1. कानून को मुस्लिम महिला (महिला अधिकार संरक्षण कानून) बिल 2019 का नाम दिया गया है |
2. मौखिक, लिखित या किसी भी प्रकार से एक बार में पत्नी को तलाक देना जुर्म होगा |
3. पत्नी के मायके या ससुराल के करीबी रिश्तेदार ही इस बारे में केश दर्ज कर सकते है |
4. यह संगीन अपराध की श्रेणी में है इसलिए पुलिस बिना वारेंट के गिरफ्तार कर सकती है |
5. पति को 3 साल तक की कैद और जुर्माना दोनों हो सकते है, जमानत भी मजिस्ट्रेट कोर्ट से होगी|
6. लेकिन मजिस्ट्रेट बिना पीड़ित महिला का पक्ष्य सुने जमानत नहीं नदे सकते |
7. पीड़ित महिला के अनुरोध पर ही मजिस्ट्रेट समझोता करा सकते है |
सबसे पहले ट्रिपल तलाक के खिलाफ सहारनपुर के मोहला अली की बेटी अतिया साबरी ने प्रधान मंत्री मोदी से गुहार लगायी थी | उन्होंने अपने भाई रिजवान की मदद से तीन तलाक से लड़ने के लिए सुप्रीमकोर्ट से गुहार लगाई | राज्यसभा में बिल के पास होने पर उन्हें बेहद ही खुशी हुई | एसी बोहत सी मुस्लिम महिलाये इस कानून की मांग कर रही थी | अब वह आने वाली पीढ़ी को यह बता सकती हैं कि कितनी मेहनत व शिद्दत के बाद यह दिन सामने आया है। आज के बाद मुस्लिम महिलाओं के लिए नया सवेरा आएगा। उन्होंने मुस्लिम समाज की तीन तलाक पीडि़ताओं को संदेश दिया कि वे कभी डरकर न जिएं बल्कि उसका सामना करें।
लेकिन समाज का एक वर्ग जहा इसे सही कह रहा है वही एक वर्ग ऐसा भी है जो इसका विरोद कर रहा है |
मोलाना खालिद रसीद के अनुसार तीन तलाक बिल राजनीतिक है | इससे फायदा कम नुकशान ज्यादा है |
पूर्व केंद्रीय मंत्री गुलाब नबी आजाद के अनुसार सरकार की मंशा मुस्लिम महिलाओ को सुरक्षा देने के बजाये मुस्लिम परिवारों को बर्बाद करने की है | इसे अपराधिक क्यों बनाया गया ?
अब आने वाले समय में इस ऐतिहासिक फैसले के क्या परिणाम होंगे यह देखना होगा | समाज में यह क्या नया बदलाव लायेगा यह भी देखना होगा |
3. राम मंदिर विवाद का निर्णय :
मोदी सरकार के दुसरे कार्यकाल मे राम मंदिर जन्मभूमि अयोध्या पर लटका विवाद सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के साथ ही समाप्त हो गया कई वर्षो से चला अ रहा ये मुद्दा हिन्दू मुस्लिम दंगो की वजह भी बना |
70 वर्षो तक ये मुद्दा युही लटका रहा लेकिन मोदी सरकार के आग्रह पर सुप्रीम कोर्ट मे तेज गति से सुनवाई हुई और ये मुद्दा अंत मे समाप्त हो गया
4. नागरिक संशोधन बिल
इसके बाद बीजेपी ने एक बार फिर एक विवादित मुद्दे को छेड़ा. यह था नागरिक संशोधन बिल. इसमें पाकिस्तान और बांग्लादेश से आए ऐसे गैर मुस्लिम जिनके साथ धर्म के नाम पर अत्याचार किया गया हो, उनको नागरिकता देने का प्रावधान है. इसके साथ ही एनआरसी मुद्दा का भी उठा. जिसमें अवैध रूप रहे बांग्लादेशियों को पहचान कर उन्हें देश से बाहर करने का प्रावधान था. हालांकि एनआरसी का विरोध देख सरकार को इसे फिलहाल ठंडे बस्ते में डालना पड़ा |
इस समय देश मे covid महामारी के कारण हेल्थ इमरजेंसी है | lockdown के कारण अर्थव्यवस्था बुरी तरह पटरी से उतर गयी है लोगो की नौकरी जा रही है | मजदूर पलायन कर रहा है देश बोहत ही बुरे दौर से गुजर रहा है |
अब आने वाले समय मैं चुनौतिया बोहोत ज्यादा है ऐसे मैं सरकार क्या कदम उठाएगी ये देखना होगा |